mainखबरे जिलों सेब्रेकिंग न्यूज़रतलाम

Encroachment : सड़कों पर दुकानों का कब्जा,पैदल चलना भी है मुश्किल,आंखे मूंदे बैठे है जिम्मेदार(देखिए लाइव विडीयो)

रतलाम,23 मई (इ खबरटुडे)। शहर के तमाम प्रमुख बाजारों की सड़कों पर दुकानों का कब्जा हो चुका है। वाहन पार्किंग का अभाव,बेतरतीब यातायात और सड़कों पर दुकानों के सामानों का कब्जा होने से अब शहर की सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। फुटपाथों पर बैठने वाले रेहडी पटडी वालों से वसूली करने वाले नगर निगम के कर्मचारी सड़कों पर हो रहे इस अतिक्रमण की ओर से आंखे मूंदे रहते है।

रतलाम शहर की सड़कों पर वाहन चलाना और यहां तक कि पैदल चलना भी इन दिनों बेहद मुश्किल काम हो गया है। शहर के किसी भी बाजार में चले जाईए सड़कों पर चलने के लिए जगह ही नहीं बची है। शहर के व्यस्ततम व्यापारिक इलाकों माणकचौक,घांसबाजार,नौलाईपुरा,कालेज रोड,बजाजखाना,धानमण्डी जैसे इलाकों में दोपहिया वाहन से निकलना बेहद कठिन होता जा रहा है,वहीं चार पहिया वाहन लेकर जाना तो जैसे असंभव सा हो गया है। इन इलाकों में एक भी चार पहिया वाहन आ जाता है तो ट्रैफिक जाम हो जाता है।

इन तमाम इलाकों में बने शापिंग काम्प्लेक्स,मार्केट या दुकानों में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। शापिंग काम्प्लेक्स और मार्केट में बनाई गई पार्किंग में भी दुकानें खोल दी गई है,जिसकी वजह से तमाम वाहन सड़कों को घेर लेते है।

यातायात व्यवस्था को बिगाडने के लिए सिर्फ यही नहीं है,बल्कि इन तमाम प्रमुख बाजारों की दुकानें,सड़कों पर सामान रखकर व्यवसाय करती है। फ्रिज टीवी कूलर हो या अन्य वस्तुएं,दुकानदार,अपनी दुकान का आधे से अधिक सामान बाहर सड़क पर सजा कर रखता है। जो स्थान वाहन चलाने या पैदल चलने के लिए है,उस पर सामान रखा होने के कारण चलने के लिए बेहद कम जगह उपलब्ध हो पाती है। माणकचौक के भीतर तो क्राकरी और घरेलु उपयोग की वस्तुएं तक सड़क पर सजा दी जाती है।

वैसे तो नगर निगम अतिक्रमण हटाने के लिए कभी कभार मुहिम चलाता है। लेकिन दुकानदारों द्वारा प्रतिदिन किए जाने वाले इन अस्थाई अतिक्रमणों की ओर कभी ध्यान नहीं दिया जाता। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी सडक पर बैठकर धन्धा करने वाले रेहडी पटडी वालों से तो पूरी वसूली करते है,लेकिन बडी बडी दुकानें खोल कर बैठे बडे व्यवसाईयों को उनके अस्थाई अतिक्रमण के लिए दण्डित किए जाने या उनका सामान जब्त किए जाने जैसी कार्यवाही कई बरसों से देखने को नहीं मिली है।

परिणाम यह है कि शहर के मध्य क्षेत्र की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह छिन्न भिन्न हो चुकी है।

Related Articles

Back to top button